नमस्कार, माय बिज़नस गाइड की वेबसाइट पर आपका स्वागत हैं, आज की इस पोस्ट में हम राइस मिल उद्योग के बारे में बात करेंगे|
राइस मिल का उद्योग खेती से सम्बन्धित उद्योग हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं के लिए एक अच्छा व्यवसाय हो सकता हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े लोगों को खेती के बारे में अच्छा अनुभव होता हैं|
ग्रामीण क्षेत्रों से कच्चा माल खरीद कर उस पर प्रकिर्या कर बड़े शहरों में थोक-व्यपारियों को बेच सकते हैं|
भारत जनसंख्या के मामले में अव्वल होने के बावजूद भी गेहूं, राइस,मकई,जवार आदि अनाजों का सबसे बड़ा निर्यातक हैं|देश के महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश,गुजरात, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलगांना आदि राज्यों में चावल की खेती सबसे अधिक की जाती हैं| फसल तैयार हो जाने के बाद जो खेती हमें मिलती हैं उसे धान कहाँ जाता हैं| पुराने ज़माने में किसान इसे पारम्परिक तरीकों से साफ़ करते थे लेकिन आजकल यह कार्य मशीनों से किया जाता हैं|
खेती करके या खेती से जुड़े व्यवसाय करके आज भी मोटा पैसा कमाया जा सकता हैं लेकिन हमारे देश में एक धारणा हैं कि खेती करने वालों को नकारा जाता हैं| युवक-युवतियों की शादी भी खेती करने वालों की बजाय नौकरी करने वालों से की जाने लगी परिणामस्वरूप आज देश के युवा खेती से मुंह मोड़ रहे है|
और शहरों में नौकरी तलाश वहीँ जीवनयापन करना पसंद कर रहे हैं|
परिणामस्वरूप शहरों में अनाज की मांग भी बढ़ी हैं इस लिए राइस मिल्स की मांग बढ़ गयी है, राइस मिल्स मालिक किसानों से माल खरीद कर उसकी गुणवत्ता के अनुसार अलग अलग माप की पैकिंग करते हैं फिर उन्हें बाज़ार में बेचा जाता हैं|
भारतीय कृषि बाज़ार में बासमती, जिरगा, इंद्रायणी, रत्नागिरी, जया, कोलम, आम्बेमोहर, घनसाल इत्यादि प्रमुख नस्लें हैं|
अच्छी किस्म के चावल किसानों से खरीद कर अपना ब्रांड बना बाज़ार में बेचने से ज्यादा मुनाफा होता हैं|
अथार्त: किसानों से चावल खरीद कर उन्हें बाज़ार में बेचना का कार्य ही राइस मिल चलाना हैं
राइस मिल शुरू करने के लिए क्या रॉ मटेरियल की आवश्यकता होगी?
राइस मिल का व्यवसाय शुरू करने के लिए विभिन्न किस्म के चावलों की आवश्यकता होगी जिसमे बासमती,इंद्रायणी, कोलम, आम्बेमोहर, जाया, जिरगा, घनसाल, रत्नागिरी आदि प्रमुख हैं|
यह कच्चा माल आप ग्रामीण क्षेत्रों से किसानों से खरीद सकते हैं|
राइस मिल शुरू करने के लिए क्या क्या मशीनरी की आवश्यकता होगी?
राइस मिल शुरू करने के लिए आपको राइस मिल प्रोजेक्टर नामक मशीनरी की आवश्यकता होगी|
जिससे कच्चे भात से चावल को अलग किया जा सके|
मार्किट: तैयार चावल को कहाँ बेचे?
तैयार माल को बेचने के लिए आप ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों की सभी किराने की दुकानों पर बेच सकते हैं| साथ ही बड़े माल्स, सुपर मार्किट, अनाज के रिटेल तथा होलसेल व्यापारियों को बेच सकते हैं| इसके अलावा होटलों, ढाबों, भोजनालयों तथा विवाह शादी में में आर्डर लेकर सप्लाई कर सकते हैं|
जमीन अथवा इमारत:
प्लांट हेतु जगह : १०००० वर्ग फूट
ऑफिस हेतु जगह : ५००० वर्ग फूट
लेबर / मजदूर
कुशल मजदुर: ४
अर्धकुशल मजदुर: ४
अकुशल: १०
लागत एवं मुनाफा:
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको ३५ से ४५ लाख रूपये की आवश्यकता होगी तथा आप १० से १५ लाख रूपये सालाना कमा सकते हैं|
(नोट: सभी प्रकार की जानकारी तथा आंकड़े जुटाने में हमारी तरफ से पूरी कोशिश की गई है फिर भी किसी भी प्रकार की मानवीय त्रुटी के लिए हम जिम्मेदार नहीं है पाठक से अनुरोध है कि वह किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले उसके बारे में जमीनी स्तर पर जानकारी हासील करलें, किसी भी प्रकार की व्यवसाय हानि के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे|)
राइस मिल का उद्योग खेती से सम्बन्धित उद्योग हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं के लिए एक अच्छा व्यवसाय हो सकता हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े लोगों को खेती के बारे में अच्छा अनुभव होता हैं|
ग्रामीण क्षेत्रों से कच्चा माल खरीद कर उस पर प्रकिर्या कर बड़े शहरों में थोक-व्यपारियों को बेच सकते हैं|
भारत जनसंख्या के मामले में अव्वल होने के बावजूद भी गेहूं, राइस,मकई,जवार आदि अनाजों का सबसे बड़ा निर्यातक हैं|देश के महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश,गुजरात, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलगांना आदि राज्यों में चावल की खेती सबसे अधिक की जाती हैं| फसल तैयार हो जाने के बाद जो खेती हमें मिलती हैं उसे धान कहाँ जाता हैं| पुराने ज़माने में किसान इसे पारम्परिक तरीकों से साफ़ करते थे लेकिन आजकल यह कार्य मशीनों से किया जाता हैं|
खेती करके या खेती से जुड़े व्यवसाय करके आज भी मोटा पैसा कमाया जा सकता हैं लेकिन हमारे देश में एक धारणा हैं कि खेती करने वालों को नकारा जाता हैं| युवक-युवतियों की शादी भी खेती करने वालों की बजाय नौकरी करने वालों से की जाने लगी परिणामस्वरूप आज देश के युवा खेती से मुंह मोड़ रहे है|
और शहरों में नौकरी तलाश वहीँ जीवनयापन करना पसंद कर रहे हैं|
परिणामस्वरूप शहरों में अनाज की मांग भी बढ़ी हैं इस लिए राइस मिल्स की मांग बढ़ गयी है, राइस मिल्स मालिक किसानों से माल खरीद कर उसकी गुणवत्ता के अनुसार अलग अलग माप की पैकिंग करते हैं फिर उन्हें बाज़ार में बेचा जाता हैं|
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rice mill guide |
भारतीय कृषि बाज़ार में बासमती, जिरगा, इंद्रायणी, रत्नागिरी, जया, कोलम, आम्बेमोहर, घनसाल इत्यादि प्रमुख नस्लें हैं|
अच्छी किस्म के चावल किसानों से खरीद कर अपना ब्रांड बना बाज़ार में बेचने से ज्यादा मुनाफा होता हैं|
अथार्त: किसानों से चावल खरीद कर उन्हें बाज़ार में बेचना का कार्य ही राइस मिल चलाना हैं
राइस मिल शुरू करने के लिए क्या रॉ मटेरियल की आवश्यकता होगी?
राइस मिल का व्यवसाय शुरू करने के लिए विभिन्न किस्म के चावलों की आवश्यकता होगी जिसमे बासमती,इंद्रायणी, कोलम, आम्बेमोहर, जाया, जिरगा, घनसाल, रत्नागिरी आदि प्रमुख हैं|
यह कच्चा माल आप ग्रामीण क्षेत्रों से किसानों से खरीद सकते हैं|
राइस मिल शुरू करने के लिए क्या क्या मशीनरी की आवश्यकता होगी?
राइस मिल शुरू करने के लिए आपको राइस मिल प्रोजेक्टर नामक मशीनरी की आवश्यकता होगी|
जिससे कच्चे भात से चावल को अलग किया जा सके|
मार्किट: तैयार चावल को कहाँ बेचे?
तैयार माल को बेचने के लिए आप ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों की सभी किराने की दुकानों पर बेच सकते हैं| साथ ही बड़े माल्स, सुपर मार्किट, अनाज के रिटेल तथा होलसेल व्यापारियों को बेच सकते हैं| इसके अलावा होटलों, ढाबों, भोजनालयों तथा विवाह शादी में में आर्डर लेकर सप्लाई कर सकते हैं|
''सैम्पल प्रोजेक्ट रिपोर्ट''
जमीन अथवा इमारत:
प्लांट हेतु जगह : १०००० वर्ग फूट
ऑफिस हेतु जगह : ५००० वर्ग फूट
लेबर / मजदूर
कुशल मजदुर: ४
अर्धकुशल मजदुर: ४
अकुशल: १०
लागत एवं मुनाफा:
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको ३५ से ४५ लाख रूपये की आवश्यकता होगी तथा आप १० से १५ लाख रूपये सालाना कमा सकते हैं|
(नोट: सभी प्रकार की जानकारी तथा आंकड़े जुटाने में हमारी तरफ से पूरी कोशिश की गई है फिर भी किसी भी प्रकार की मानवीय त्रुटी के लिए हम जिम्मेदार नहीं है पाठक से अनुरोध है कि वह किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले उसके बारे में जमीनी स्तर पर जानकारी हासील करलें, किसी भी प्रकार की व्यवसाय हानि के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे|)
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