my business guide की वेबसाइट पर आपका स्वागत हैं आज की इस पोस्ट में हम प्लास्टिक की बोरियां बनाने के व्यवसाय के बारे में जानेंगे|
प्लास्टिक की बोरियों का उपयोग सीमेंट भरने, अनाज भरने, तथा विभिन्न व्यापर-उद्योगों में पैकिंग हेतु किया जाता हैं वैसे तो इन बोरियों किन मांग सवर्त्र है लेकिन सीमेंट उद्योग में मुख्यतः इन्हीं बोरियों का इस्तेमाल किया जाता हैं| ऐसी बोरियां बनाने से जुट के कपडे की थैलियों को अच्छी टक्कर मिली हैं, इन प्लास्टिक से बनी बोरियों का इस्तेमाल कार्बन ब्लैक पैकिंग में भी होने लगा हैं, यह बोरियां वाटर प्रूफ होती हैं इसलिए इसमें से पानी नहीं टपकता हैं| साथ ही पानी तथा एसिड का असर भी इन पर नहीं होता हैं|
प्लास्टिक से बनी बोरियों की मांग ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में होती हैं गांवों में अनाज, भूसी आदि भरने में इनका इस्तेमाल किया जाता हैं वहीँ शहरी इलाकों में बेरियम क्षार, पिगमेंट, विस्पोथक पदार्थों के लिए कच्चा माल पैक करने में, जंतुनाशक दवाइयां के यातायात के लिए, अकार्बनीय रसायन, स्टार्च, डाक के टपालों की थैलियाँ आदि के यातायात में काम में ली जाती हैं|
प्लास्टिक से बनी बोरियों की वजन ढोने की क्षमता ज्यादा होती हैं तथा इनका यातायात करना सुलभ होता हैं, प्लास्टिक की बोरियां विविध रंगों में उपलब्ध होती हैं इस लिए बहुत सी कम्पनियां और व्यापारी इन्हें पसंद करते हैं, क्योंकि वे इन थैलियों पर होने वाली छपाई से विज्ञापन भी कर सकते हैं प्लास्टिक से बनी थैलियाँ रसायनों का प्रतिरोधक होने से उच्च क्षमता के रसायन उत्पादक भी इनका उपयोग करना पसंद करते हैं| जुट से बनी बोरियां की अपेक्षा ठंडी हवा में यह ज्यादा सुरक्षित होती हैं| बाज़ार में जुट की बोरिया की अपेक्षा प्लास्टिक की बोरियों की मांग ज्यादा होने की वजह से प्लास्टिक बोरियां निर्माण व्यवसाय करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं|
प्लास्टिक की बोरियां बनाने में क्या क्या रॉ मटेरियल (कच्चा माल) लगेगा?
प्लास्टिक की बोरियां बनाने हेतु उच्च घनता वाली पोली एलिथिन, एच.डी.पी.इ., रासायनिक रंग इत्यादि कच्चा माल लगेगा|
प्लास्टिक की बोरियां बनाने में क्या क्या मशीनरी की आवश्यकता होगी?
प्लास्टिक की बोरियां बनाने हेतु पी.पी./एच.डी.पी.इ. एस्ट्रयूजन मशीन, छपाई मशीन, कटिंग मशीन, सक्युलरलूम, इलेक्ट्रिक वजन कांटा, टेस्टिंग मशीन, कूटर, बायंडर, इलेक्ट्रिक उपकरण इत्यादि मशीनरी की आवश्यकता होगी|
अपना उत्पाद कहाँ बेचे?/ प्लास्टिक की बोरियां कहाँ बेचे?
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं, और कृषि उत्पादन में अनाज भरने हेतु प्लास्टिक की बोरियों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता हैं| इसलिए कृषि संसाधनों के डीलर्स आपके अच्छे ग्राहक होते हैं, हमारे देश में सीमेंट निर्माण का व्यवसाय भी बड़े पैमाने पर किया जाता हैं इसलिए आप सीमेंट निर्माताओं से भी सम्पर्क कर उनकी आवश्यकता अनुसार बोरियां तैयार कर के दे सकते हैं
साथ ही रासायनिक पदार्थों के निर्माता, खाद- बीज के निर्माता, तथा स्थानीय व्यापारी आपके अच्छे ग्राहक हो सकते हैं|
अधिक सेल हेतु आपको बड़ी-२ सीमेंट फैक्ट्रियों, रासायनिक पदार्थ निर्माण फैक्ट्रियों से सम्पर्क करें जिससे आपको अच्छी सेल मिल सकती हैं|
जमीन अथवा इमारत:
प्लांट हेतु जगह :२५००० वर्ग फूट
ऑफिस हेतु जगह : ७००० वर्ग फूट
लेबर / मजदूर
कुशल मजदुर: १०
अर्धकुशल मजदुर: ८
अकुशल: ८
लागत एवं मुनाफा:
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको २० से २५ लाख रूपये की आवश्यकता होगी तथा आप १५ से २०लाख रूपये सालाना कमा सकते हैं|
प्लास्टिक की बोरियों का उपयोग सीमेंट भरने, अनाज भरने, तथा विभिन्न व्यापर-उद्योगों में पैकिंग हेतु किया जाता हैं वैसे तो इन बोरियों किन मांग सवर्त्र है लेकिन सीमेंट उद्योग में मुख्यतः इन्हीं बोरियों का इस्तेमाल किया जाता हैं| ऐसी बोरियां बनाने से जुट के कपडे की थैलियों को अच्छी टक्कर मिली हैं, इन प्लास्टिक से बनी बोरियों का इस्तेमाल कार्बन ब्लैक पैकिंग में भी होने लगा हैं, यह बोरियां वाटर प्रूफ होती हैं इसलिए इसमें से पानी नहीं टपकता हैं| साथ ही पानी तथा एसिड का असर भी इन पर नहीं होता हैं|
प्लास्टिक से बनी बोरियों की मांग ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में होती हैं गांवों में अनाज, भूसी आदि भरने में इनका इस्तेमाल किया जाता हैं वहीँ शहरी इलाकों में बेरियम क्षार, पिगमेंट, विस्पोथक पदार्थों के लिए कच्चा माल पैक करने में, जंतुनाशक दवाइयां के यातायात के लिए, अकार्बनीय रसायन, स्टार्च, डाक के टपालों की थैलियाँ आदि के यातायात में काम में ली जाती हैं|
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प्लास्टिक बोरियां निर्माण वयवसाय |
प्लास्टिक से बनी बोरियों की वजन ढोने की क्षमता ज्यादा होती हैं तथा इनका यातायात करना सुलभ होता हैं, प्लास्टिक की बोरियां विविध रंगों में उपलब्ध होती हैं इस लिए बहुत सी कम्पनियां और व्यापारी इन्हें पसंद करते हैं, क्योंकि वे इन थैलियों पर होने वाली छपाई से विज्ञापन भी कर सकते हैं प्लास्टिक से बनी थैलियाँ रसायनों का प्रतिरोधक होने से उच्च क्षमता के रसायन उत्पादक भी इनका उपयोग करना पसंद करते हैं| जुट से बनी बोरियां की अपेक्षा ठंडी हवा में यह ज्यादा सुरक्षित होती हैं| बाज़ार में जुट की बोरिया की अपेक्षा प्लास्टिक की बोरियों की मांग ज्यादा होने की वजह से प्लास्टिक बोरियां निर्माण व्यवसाय करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं|
प्लास्टिक की बोरियां बनाने में क्या क्या रॉ मटेरियल (कच्चा माल) लगेगा?
प्लास्टिक की बोरियां बनाने हेतु उच्च घनता वाली पोली एलिथिन, एच.डी.पी.इ., रासायनिक रंग इत्यादि कच्चा माल लगेगा|
प्लास्टिक की बोरियां बनाने में क्या क्या मशीनरी की आवश्यकता होगी?
प्लास्टिक की बोरियां बनाने हेतु पी.पी./एच.डी.पी.इ. एस्ट्रयूजन मशीन, छपाई मशीन, कटिंग मशीन, सक्युलरलूम, इलेक्ट्रिक वजन कांटा, टेस्टिंग मशीन, कूटर, बायंडर, इलेक्ट्रिक उपकरण इत्यादि मशीनरी की आवश्यकता होगी|
अपना उत्पाद कहाँ बेचे?/ प्लास्टिक की बोरियां कहाँ बेचे?
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं, और कृषि उत्पादन में अनाज भरने हेतु प्लास्टिक की बोरियों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता हैं| इसलिए कृषि संसाधनों के डीलर्स आपके अच्छे ग्राहक होते हैं, हमारे देश में सीमेंट निर्माण का व्यवसाय भी बड़े पैमाने पर किया जाता हैं इसलिए आप सीमेंट निर्माताओं से भी सम्पर्क कर उनकी आवश्यकता अनुसार बोरियां तैयार कर के दे सकते हैं
साथ ही रासायनिक पदार्थों के निर्माता, खाद- बीज के निर्माता, तथा स्थानीय व्यापारी आपके अच्छे ग्राहक हो सकते हैं|
अधिक सेल हेतु आपको बड़ी-२ सीमेंट फैक्ट्रियों, रासायनिक पदार्थ निर्माण फैक्ट्रियों से सम्पर्क करें जिससे आपको अच्छी सेल मिल सकती हैं|
''सैम्पल प्रोजेक्ट रिपोर्ट''
जमीन अथवा इमारत:
प्लांट हेतु जगह :२५००० वर्ग फूट
ऑफिस हेतु जगह : ७००० वर्ग फूट
लेबर / मजदूर
कुशल मजदुर: १०
अर्धकुशल मजदुर: ८
अकुशल: ८
लागत एवं मुनाफा:
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको २० से २५ लाख रूपये की आवश्यकता होगी तथा आप १५ से २०लाख रूपये सालाना कमा सकते हैं|
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